UP Board class 11 Biology Chapter 14. पादप में स्वशन Hindi Medium Notes - PDF
अध्याय 14: पादप में श्वसन
यह अध्याय पौधों में श्वसन की प्रक्रिया पर केंद्रित है, जो कि भोजन के ऑक्सीकरण द्वारा ऊर्जा मुक्त करने की क्रिया है।
श्वसन क्या है?
- श्वसन एक उपापचयी प्रक्रिया है जिसमें जटिल कार्बनिक पदार्थों (जैसे ग्लूकोज) का ऑक्सीकरण होता है।
- इस प्रक्रिया में ऊर्जा (ATP) मुक्त होती है, जो कोशिका के विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक होती है।
- श्वसन का सामान्य समीकरण है:
C₆H₁₂O₆ + 6O₂ → 6CO₂ + 6H₂O + ऊर्जा (ATP)
- यह प्रक्रिया सभी जीवित कोशिकाओं में दिन-रात Continuously चलती रहती है।
श्वसन के प्रकार
ऑक्सीजन की उपलब्धता के आधार पर श्वसन दो प्रकार का होता है:
1. वायवीय श्वसन (Aerobic Respiration)
- यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है।
- इसमें ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण होकर अधिकतम मात्रा में ATP (36 या 38 अणु) बनती है।
- इसके अंतिम उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और जल (H₂O) होते हैं।
- यह प्रक्रिया माइटोकॉन्ड्रिया में होती है।
2. अवायवीय श्वसन (Anaerobic Respiration)
- यह ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है।
- इसमें ग्लूकोज का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है और कम मात्रा में ATP (मात्र 2 अणु) बनती है।
- इसके अंतिम उत्पाद इथेनॉल और CO₂ (किण्वन) या लैक्टिक अम्ल हो सकते हैं।
- यह प्रक्रिया कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) में होती है।
वायवीय श्वसन की अवस्थाएँ
वायवीय श्वसन एक जटिल प्रक्रिया है जो मुख्यतः तीन चरणों में पूरी होती है:
1. ग्लाइकोलिसिस (Glycolysis)
- स्थान: कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)
- इसमें ग्लूकोज के एक अणु का विखंडन होकर पाइरुविक अम्ल के दो अणु बनते हैं।
- इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती (अवायवीय)।
- शुद्ध लाभ: 2 ATP और 2 NADH अणु।
2. क्रेब्स चक्र (Krebs Cycle) / TCA चक्र / साइट्रिक अम्ल चक्र
- स्थान: माइटोकॉन्ड्रिया का मैट्रिक्स
- पाइरुविक अम्ल, एसिटाइल Co-A में परिवर्तित होकर क्रेब्स चक्र में प्रवेश करता है।
- यह चक्र ऊर्जा-समृद्ध अणुओं NADH, FADH₂ और 2 ATP के रूप में ऊर्जा उत्पन्न करता है।
- इस चक्र में CO₂ निकलती है।
3. इलेक्ट्रॉन अभिगमन तंत्र (Electron Transport System - ETS)
- स्थान: माइटोकॉन्ड्रिया की भीतरी झिल्ली (Inner Mitochondrial Membrane)
- ग्लाइकोलिसिस और क्रेब्स चक्र से प्राप्त NADH और FADH₂ का ऑक्सीकरण होता है।
- इलेक्ट्रॉनों का अभिगमन होता है, जिसमें ऑक्सीजन अंतिम इलेक्ट्रॉन ग्राही होती है और जल (H₂O) बनता है।
- यह अवस्था अधिकतम ATP (34 अणु) उत्पन्न करती है। (ऑक्सीडेटिव फॉस्फोरिलीकरण)
श्वसन का अनुक्रम
ग्लूकोज → ग्लाइकोलिसिस → पाइरुवेट → एसिटाइल Co-A → क्रेब्स चक्र → इलेक्ट्रॉन अभिगमन तंत्र (ETS)
श्वसन और दहन में अंतर
- दहन (Combustion): यह एक भौतिक प्रक्रिया है जिसमें ईंधन का तेजी से जलना शामिल है, जिससे ऊष्मा और प्रकाश निकलता है। इसमें एंजाइमों की कोई भूमिका नहीं होती।
- श्वसन (Respiration): यह एक नियंत्रित एंजाइमेटिक प्रक्रिया है जो कई चरणों में होती है। ऊर्जा ATP के रूप में संचित होती है, जिसे कोशिका आवश्यकतानुसार उपयोग करती है।
श्वसन और प्रकाश-संश्लेषण में सम्बन्ध
- प्रकाश-संश्लेषण ऊर्जा संचय (ATP और ग्लूकोज बनाना) की प्रक्रिया है, जबकि श्वसन ऊर्जा मुक्त (ATP तोड़ना) करने की प्रक्रिया है।
- प्रकाश-संश्लेषण में CO₂ ली जाती है और O₂ मुक्त होती है, जबकि श्वसन में O₂ ली जाती है और CO₂ मुक्त होती है।
- दोनों प्रक्रियाएँ पौधे के जीवन चक्र के लिए पूरक हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
- श्वसन के लिए ग्लूकोज प्राथमिक ईंधन है, लेकिन प्रोटीन और वसा का भी उपयोग किया जा सकता है।
- श्वसन में निकलने वाली CO₂ का उपयोग प्रकाश-संश्लेषण के लिए हो सकता है।
- पौधों की जड़ें भी मिट्टी से O₂ लेकर श्वसन करती हैं।