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UP Board class 11 Chemistry Chapter 7. साम्यावस्था Hindi Medium Notes - PDF

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अध्याय 7: साम्यावस्था (Equilibrium)

यह अध्याय रासायनिक और भौतिक प्रक्रियाओं में साम्यावस्था की अवधारणा से संबंधित है।

7.1 साम्यावस्था की विशेषताएँ

  • गतिक प्रकृति: साम्यावस्था स्थिर नहीं बल्कि गतिशील होती है। इसका मतलब है कि आगे और पीछे की अभिक्रियाएँ एक ही दर पर हो रही होती हैं, न कि रुकी हुई।
  • स्थिरांक पैरामीटर: साम्यावस्था पर, सभी पदार्थों की सांद्रता समय के साथ स्थिर रहती है।
  • प्राप्त करने का तरीका: साम्यावस्था को दोनों तरफ (अभिकारकों या उत्पादों की तरफ) से प्राप्त किया जा सकता है।
  • ले चातेलिए सिद्धांत: यह बताता है कि यदि साम्यावस्था पर किसी भी स्थिति (जैसे सांद्रता, ताप, दाब) में परिवर्तन किया जाता है, तो साम्यावस्था उस दिशा में शिफ्ट हो जाएगी जो परिवर्तन का प्रतिकार करे।

7.2 रासायनिक साम्यावस्था का सामान्य विवरण

एक सामान्य उत्क्रमणीय अभिक्रिया के लिए:

aA + bB ⇌ cC + dD

जहाँ A और B अभिकारक हैं, C और D उत्पाद हैं, और a, b, c, d स्टॉइकियोमीट्रिक गुणांक हैं।

7.3 साम्यावस्था स्थिरांक (K)

  • सांद्रता स्थिरांक (Kc): यह उत्पादों और अभिकारकों की साम्यावस्था सांद्रता का अनुपात है, जहाँ प्रत्येक सांद्रता को उसके स्टॉइकियोमीट्रिक गुणांक की घात तक बढ़ाया जाता है।

    Kc = [C]^c [D]^d / [A]^a [B]^b

  • दाब स्थिरांक (Kp): गैसीय अभिक्रियाओं के लिए, दाब के पदों में व्यक्त स्थिरांक। इसे आंशिक दाब के पदों में लिखा जाता है।

    Kp = (pC)^c (pD)^d / (pA)^a (pB)^b

  • Kp और Kc के बीच संबंध: Kp = Kc (RT)^Δn
    जहाँ Δn = (गैसीय उत्पादों के मोलों की संख्या) - (गैसीय अभिकारकों के मोलों की संख्या), R गैस स्थिरांक है, और T तापमान (केल्विन में) है।

7.4 साम्यावस्था स्थिरांक के मान

  • K >> 1: अभिक्रिया उत्पादों के पक्ष में है (अगेसर)।
  • K << 1: अभिक्रिया अभिकारकों के पक्ष में है (पश्चगामी)।
  • K = 1: अभिकारक और उत्पाद लगभग समान सांद्रता में हैं।

7.5 अभिक्रिया भागफल (Q)

यह साम्यावस्था स्थिरांक (K) के समान ही व्यंजक है, लेकिन किसी भी क्षण की सांद्रता/दाब के लिए।

  • यदि Q < K: अगेसर अभिक्रिया स्वतः होगी (अधिक उत्पाद बनेंगे)।
  • यदि Q > K: पश्चगामी अभिक्रिया स्वतः होगी (अधिक अभिकारक बनेंगे)।
  • यदि Q = K: तंत्र साम्यावस्था में है।

7.6 साम्यावस्था पर ताप, दाब और सांद्रता में परिवर्तन का प्रभाव (ले चातेलिए सिद्धांत)

  • सांद्रता में परिवर्तन: किसी अभिकारक की सांद्रता बढ़ाने पर साम्यावस्था उस दिशा में शिफ्ट होती है जहाँ वह अभिकारक खपत हो (यानी आगे की अभिक्रिया)। किसी उत्पाद की सांद्रता बढ़ाने पर साम्यावस्था पीछे की अभिक्रिया की ओर शिफ्ट होती है।
  • दाब में परिवर्तन: केवल उन अभिक्रियाओं को प्रभावित करता है जहाँ अभिकारकों और उत्पादों के गैसीय मोलों की संख्या अलग-अलग हो (Δn ≠ 0)। दाब बढ़ाने पर साम्यावस्था कम मोलों वाली ओर शिफ्ट होती है।
  • ताप में परिवर्तन: ताप बढ़ाने पर साम्यावस्था ऊष्माशोषी (endothermic) अभिक्रिया की दिशा में शिफ्ट होती है। ताप कम करने पर साम्यावस्था ऊष्माक्षेपी (exothermic) अभिक्रिया की दिशा में शिफ्ट होती है।
  • उत्प्रेरक का प्रभाव: उत्प्रेरक साम्यावस्था स्थिति या स्थिरांक (K) को प्रभावित नहीं करता है। यह सिर्फ साम्यावस्था को जल्दी प्राप्त करने में मदद करता है।

7.7 आयनिक साम्यावस्था

दुर्बल अम्ल और क्षारकों के जलीय विलयनों में होने वाली अपूर्ण आयनन अभिक्रियाएँ।

  • अम्लों के लिए वियोजन स्थिरांक (Ka):

    HA (aq) ⇌ H⁺ (aq) + A⁻ (aq)

    Ka = [H⁺][A⁻] / [HA]

  • क्षारकों के लिए वियोजन स्थिरांक (Kb):

    BOH (aq) ⇌ B⁺ (aq) + OH⁻ (aq)

    Kb = [B⁺][OH⁻] / [BOH]

  • जल का आयनिक गुणनफल (Kw):

    H₂O (l) ⇌ H⁺ (aq) + OH⁻ (aq)

    Kw = [H⁺][OH⁻] = 1.0 × 10^(-14) (298 K पर)

  • pH पैमाना: pH = -log₁₀[H⁺]
  • pOH = -log₁₀[OH⁻]
  • pH + pOH = 14 (298 K पर)

7.8 लवणों का जल-अपघटन

लवण का आयन जल से अभिक्रिया करके अम्लीय या क्षारीय विलयन बनाते हैं।

  • दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षारक से बना लवण: क्षारीय विलयन (pH > 7) (जैसे CH₃COONa)
  • प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षारक से बना लवण: अम्लीय विलयन (pH < 7) (जैसे NH₄Cl)
  • दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षारक से बना लवण: विलयन का pH दोनों की सापेक्ष शक्ति पर निर्भर करता है (जैसे CH₃COONH₄)
  • प्रबल अम्ल और प्रबल क्षारक से बना लवण: उदासीन विलयन (pH = 7) (जैसे NaCl, KNO₃)

7.9 बफर विलयन

वे विलयन जो pH में परिवर्तन का विरोध करते हैं, चाहे उसमें थोड़ा अम्ल या क्षारक मिलाया जाए या उसे तनु किया जाए।

  • अम्लीय बफर: दुर्बल अम्ल और उसके लवण का मिश्रण (जैसे CH₃COOH + CH₃COONa)
  • क्षारीय बफर: दुर्बल क्षारक और उसके लवण का मिश्रण (जैसे NH₄OH + NH₄Cl)

7.10 विलेयता साम्यावस्था

अल्पविलेय लवणों के संतृप्त विलयन में होने वाली साम्यावस्था।

सामान्य अभिक्रिया: A_x B_y (s) ⇌ x A^{y+} (aq) + y B^{x-} (aq)

विलेयता गुणनफल स्थिरांक (Ksp): Ksp = [A^{y+}]^x [B^{x-}]^y

  • अवक्षेपण के लिए शर्त:
    • यदि आयनिक गुणनफल &gt; Ksp: अवक्षेपण होगा।
    • यदि आयनिक गुणनफल = Ksp: विलयन संतृप्त है, कोई अवक्षेपण नहीं।
    • यदि आयनिक गुणनफल &lt; Ksp: विलयन असंतृप्त है, कोई अवक्षेपण नहीं।
  • सामान्य आयन प्रभाव: किसी अल्पविलेय लवण की विलेयता उसके सामान्य आयन वाले विलयन में कम हो जाती है।

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