UP Board class 12 Biology Chapter 3. मानव जनन Hindi Medium Notes - PDF
अध्याय 3: मानव जनन (Human Reproduction)
यह अध्याय मनुष्यों में जनन की प्रक्रिया का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करता है, जिसमें नर और मादा जनन तंत्र, युग्मकजनन, मासिक धर्म चक्र, निषेचन, गर्भधारण और भ्रूण का विकास शामिल है।
3.1 नर जनन तंत्र (The Male Reproductive System)
- स्थान: श्रोणि क्षेत्र (Pelvic region) के बाहर स्थित।
- मुख्य भाग:
- वृषण (Testes): अंडकोष (Scrotum) में स्थित। शुक्राणु (Sperm) और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन।
- शुक्राणु वाहिकाएँ (Vasa efferentia): वृषण से शुक्राणु को बाहर ले जाती हैं।
- शिश्न (Penis): मैथुन अंग, मूत्र और वीर्य निष्कासन का कार्य।
- सहायक ग्रंथियाँ (Accessory glands):
- शुक्राशय (Seminal vesicles)
- प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland)
- काउपर ग्रंथि (Bulbourethral gland)
ये ग्रंथियाँ वीरण (Semen) का स्राव करती हैं जो शुक्राणुओं को पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है।
3.2 मादा जनन तंत्र (The Female Reproductive System)
- स्थान: श्रोणि क्षेत्र (Pelvic region) के अंदर स्थित।
- मुख्य भाग:
- अंडाशय (Ovaries): अंडाणु (Ovum) और एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन।
- अंडवाहिनी (Fallopian tubes / Oviducts): निषेचन (Fertilization) का स्थान। अंडाणु को अंडाशय से गर्भाशय तक ले जाती हैं।
- गर्भाशय (Uterus): भ्रूण के विकास का स्थान। इसकी आंतरिक परत को एंडोमेट्रियम (Endometrium) कहते हैं।
- योनि (Vagina): मैथुन अंग और शिशु जन्म नलिका।
3.3 युग्मकजनन (Gametogenesis)
यह युग्मकों (अंडाणु और शुक्राणु) के निर्माण की प्रक्रिया है।
(क) शुक्राणुजनन (Spermatogenesis)
- वृषण की शुक्राणुजनक नलिकाओं (Seminiferous tubules) में होता है।
- शुक्राणुजनन कोशिका (Spermatogonia) -> प्राथमिक शुक्राणुकोशिका (Primary spermatocyte) -> द्वितीयक शुक्राणुकोशिका (Secondary spermatocyte) -> शुक्राणुटिड (Spermatids) -> परिपक्व शुक्राणु (Spermatozoa)।
- शुक्राणु का सिर (Head) में केन्द्रक और एक्रोसोम (Acrosome) होता है, जो अंडाणु की बाहरी परतों को पार करने में मदद करता है।
(ख) अंडजनन (Oogenesis)
- अंडाशय में होता है।
- अंडजनन कोशिका (Oogonia) -> प्राथमिक अंडकोशिका (Primary oocyte) -> द्वितीयक अंडकोशिका (Secondary oocyte) और प्रथम ध्रुवीय कणिका (First polar body) -> डिंब (Ovum) और द्वितीय ध्रुवीय कणिका (Second polar body)।
- यह प्रक्रिया जन्म से पहले शुरू होती है और यौवनावस्था के बाद पूरी होती है।
3.4 मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle)
- मादा में प्रजनन चक्र लगभग 28/29 दिनों का होता है।
- इसे निम्नलिखित चरणों में बाँटा गया है:
- मासिक धर्म चरण (Menstrual Phase): दिन 1-5। गर्भाशय की एंडोमेट्रियल परत का टूटकर रक्त के साथ बह जाना।
- पुटकीय चरण (Follicular Phase): दिन 1-13। अंडाशय में एक पुटक (Follicle) का विकास और एस्ट्रोजन का स्राव। एंडोमेट्रियम का पुनर्निर्माण।
- अंडोत्सर्ग (Ovulation): दिन 14। LH हार्मोन के चरम के कारण परिपक्व अंडाणु का अंडाशय से निकलना।
- ल्यूटियल चरण (Luteal Phase): दिन 15-28। ओव्यूलेशन के बाद का पुटक कॉर्पस ल्यूटियम (Corpus luteum) में बदल जाता है और प्रोजेस्टेरोन स्रावित करता है जो गर्भाशय को गर्भधारण के लिए तैयार करता है।
- चक्र हार्मोन्स (FSH, LH, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन) द्वारा नियंत्रित होता है।
3.5 निषेचन और गर्भाधान (Fertilization and Implantation)
- निषेचन (Fertilization): नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडाणु) का अंडवाहिनी में संलयन। यह जाइगोट (Zygote) का निर्माण करता है।
- खण्डन (Cleavage): जाइगोट का तीव्र कोशिका विभाजन, जिससे ब्लास्टोमियर (Blastomeres) बनते हैं और अंततः मोरुला (Morula) बनता है।
- ब्लास्टोसिस्ट (Blastocyst): मोरुला तरल पदार्थ से भरकर ब्लास्टोसिस्ट में बदल जाता है। इसमें बाहरी कोशिका परत (ट्रोफोब्लास्ट - Trophoblast) और आंतरिक कोशिका समूह (Inner Cell Mass) होता है।
- गर्भाधान (Implantation): ब्लास्टोसिस्ट का गर्भाशय की एंडोमेट्रियल दीवार में स्थापित होना।
3.6 गर्भावस्था और भ्रूणीय विकास (Pregnancy and Embryonic Development)
- भ्रूण परिवर्धन (Embryogenesis): आंतरिक कोशिका समूह विभेदित होकर भ्रूण (Embryo) में विकसित होता है।
- अतिरिक्त भ्रूणीय ऊतक (Extra-embryonic membranes): भ्रूण को सुरक्षा और पोषण प्रदान करते हैं।
- कोरियोन (Chorion): बाहरी आवरण, गर्भनाल (Placenta) का निर्माण करने में भाग लेता है।
- एमनियन (Amnion): एमनियोटिक द्रव (Amniotic fluid) से भरी थैली बनाता है, जो भ्रूण को आघात से बचाती है।
- अलनतोइस (Allantois) और योक थैली (Yolk sac)
- गर्भनाल (Placenta): भ्रूण और माता के रक्त के बीच पोषक तत्वों, गैसों और अपशिष्ट पदार्थों के आदान-प्रदान का अंग। यह हार्मोन (hCG, hPL, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन) भी स्रावित करती है।
3.7 प्रसव और दुग्धस्राव (Parturition and Lactation)
- प्रसव (Parturition): गर्भावस्था की अवधि (लगभग 9 महीने) पूरी होने पर गर्भाशय के शक्तिशाली संकुचनों द्वारा शिशु का जन्म। यह ऑक्सीटोसिन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होता है।
- दुग्धस्राव (Lactation): प्रसव के बाद मादा के स्तन ग्रंथियों (Mammary glands) द्वारा दूध का उत्पादन। प्रोलैक्टिन (Prolactin) दूध के उत्पादन के लिए और ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) दूध के स्राव (Milk ejection) के लिए उत्तरदायी है। कोलोस्ट्रम (Colostrum) पहला दूध होता है जो शिशु को प्रतिरक्षा प्रदान करता है।