UP Board class 12 Chemistry Chapter 2. विलयन Hindi Medium Notes - PDF
अध्याय 2: विलयन (Solutions)
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण होता है। विलयन के मुख्य दो घटक होते हैं:
- विलेय (Solute): वह पदार्थ जो कम मात्रा में उपस्थित रहता है और विलायक में घुलता है।
- विलायक (Solvent): वह पदार्थ जो अधिक मात्रा में उपस्थित रहता है और विलेय को घोलता है।
विलयन के प्रकार
- संतृप्त विलयन (Saturated Solution): वह विलयन जिसमें एक निश्चित तापमान पर विलायक की निश्चित मात्रा में विलेय की अधिकतम मात्रा घुली हुई होती है।
- असंतृप्त विलयन (Unsaturated Solution): वह विलयन जिसमें संतृप्त विलयन की तुलना में कम मात्रा में विलेय घुला होता है, यानी इसमें और विलेय घोला जा सकता है।
- अतिसंतृप्त विलयन (Supersaturated Solution): वह विलयन जिसमें संतृप्त विलयन से भी अधिक मात्रा में विलेय घुला होता है। यह अस्थायी होता है।
विलयन की सांद्रता को व्यक्त करने की विधियाँ
- द्रव्यमान प्रतिशत (Mass Percentage): विलेय का द्रव्यमान, विलयन के कुल द्रव्यमान का प्रतिशत।
सूत्र: (विलेय का द्रव्यमान / विलयन का द्रव्यमान) × 100%
- मोल-अंश (Mole Fraction): किसी घटक के मोलों की संख्या का विलयन में उपस्थित सभी घटकों के कुल मोलों की संख्या से अनुपात।
सूत्र: χA = nA / (nA + nB)
- मोलरता (Molarity): एक लीटर विलयन में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या।
सूत्र: M = विलेय के मोलों की संख्या / विलयन का आयतन (लीटर में)
इकाई: mol L⁻¹ या M (मोलर)
- मोललता (Molality): एक किलोग्राम विलायक में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या।
सूत्र: m = विलेय के मोलों की संख्या / विलायक का द्रव्यमान (kg में)
इकाई: mol kg⁻¹ या m (मोलल)
- सामान्यता (Normality): एक लीटर विलयन में घुले हुए विलेय के तुल्यांकी भार की संख्या।
सूत्र: N = तुल्यांकी भार की संख्या / विलयन का आयतन (लीटर में)
गैसों की द्रवों में विलेयता
हेनरी का नियम (Henry's Law): एक निश्चित तापमान पर, किसी द्रव में घुली हुई गैस की मात्रा (विलेयता) उस गैस के आंशिक दाब के समानुपाती होती है।
गणितीय रूप में: P = KH . x
जहाँ, P = गैस का आंशिक दाब, KH = हेनरी स्थिरांक, x = द्रव में गैस का मोल-अंश
अनुप्रयोग: सोडा जल और कोल्ड ड्रिंक्स में CO2 गैस उच्च दाब पर घोली जाती है।
द्रव-द्रव विलयन
- आदर्श विलयन (Ideal Solution): वे विलयन जो राउल्ट के नियम का पालन करते हैं। उदाहरण: n-हेक्सेन और n-हेप्टेन।
- अनादर्श विलयन (Non-ideal Solution): वे विलयन जो राउल्ट के नियम का पालन नहीं करते हैं।
राउल्ट का नियम (Raoult's Law)
किसी विलयन में उपस्थित वाष्पशील घटक का आंशिक वाष्प दाब, विलयन में उसके मोल-अंश और शुद्ध अवस्था में उसके वाष्प दाब के गुणनफल के बराबर होता है।
गणितीय रूप में: PA = P°A . xA
जहाँ, PA = विलयन में घटक A का आंशिक वाष्प दाब, P°A = शुद्ध घटक A का वाष्प दाब, xA = विलयन में घटक A का मोल-अंश
विलयन का कुल वाष्प दाब: Ptotal = P°A . xA + P°B . xB
राउल्ट के नियम से विचलन
- धनात्मक विचलन (Positive Deviation): जब विलयन का वास्तविक वाष्प दाब, राउल्ट के नियम से प्राप्त वाष्प दाब से अधिक होता है। उदाहरण: एथेनॉल और एसीटोन का मिश्रण।
- ऋणात्मक विचलन (Negative Deviation): जब विलयन का वास्तविक वाष्प दाब, राउल्ट के नियम से प्राप्त वाष्प दाब से कम होता है। उदाहरण: नाइट्रिक अम्ल और जल का मिश्रण।
अपसामान्य मोलर द्रव्यमान
विलेय पदार्थों का संगुणन (Association) या वियोजन (Dissociation) होने पर प्रयोगात्मक रूप से निर्धारित मोलर द्रव्यमान, सामान्य मोलर द्रव्यमान से भिन्न होता है, इसे अपसामान्य मोलर द्रव्यमान कहते हैं।
- संगुणन (Association): जैसे बेंजोइक अम्ल का बेंजीन में घोल। यहाँ मोलर द्रव्यमान का मान वास्तविक मान से अधिक प्राप्त होता है।
- वियोजन (Dissociation): जैसे KCl का जल में घोल। यहाँ मोलर द्रव्यमान का मान वास्तविक मान से कम प्राप्त होता है।
वान्ट हॉफ गुणांक (i) = (प्रयोगात्मक मोलर द्रव्यमान) / (सामान्य मोलर द्रव्यमान)
विलयन के अणुसंख्य गुण (Colligative Properties)
वे गुण जो केवल विलयन में उपस्थित कणों की संख्या पर निर्भर करते हैं, न कि उनकी प्रकृति पर।
- वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन (Relative Lowering of Vapour Pressure):
शुद्ध विलायक के वाष्प दाब में होने वाली कमी।
सूत्र: (P° - P) / P° = x2 (विलेय का मोल-अंश)
- क्वथनांक में उन्नयन (Elevation of Boiling Point):
विलयन का क्वथनांक शुद्ध विलायक के क्वथनांक से अधिक होता है।
सूत्र: ΔTb = Kb . m
जहाँ, ΔTb = क्वथनांक में वृद्धि, Kb = मोलल उन्नयन स्थिरांक, m = मोललता
- हिमांक में अवनमन (Depression of Freezing Point):
विलयन का हिमांक शुद्ध विलायक के हिमांक से कम होता है।
सूत्र: ΔTf = Kf . m
जहाँ, ΔTf = हिमांक में कमी, Kf = मोलल अवनमन स्थिरांक, m = मोललता
- परासरण दाब (Osmotic Pressure):
वह अतिरिक्त दाब जो विलयन पर लगाया जाए ताकि विलायक के अणुओं का विलयन की ओर परासरण रुक जाए।
सूत्र: π = CRT
जहाँ, π = परासरण दाब, C = मोलर सांद्रता, R = गैस स्थिरांक, T = तापमान (केल्विन में)
अणुसंख्य गुणों के अनुप्रयोग
- अज्ञात यौगिकों के आणविक द्रव्यमान का निर्धारण करना।
- रक्त कोशिकाओं में परासरण के कारण सूजन या सिकुड़न का आना।
- सर्दियों में सड़कों पर बर्फ पिघलाने के लिए NaCl या CaCl2 का छिड़काव (हिमांक में अवनमन के कारण)।
- खाद्य परिरक्षक के रूप में चीनी का उपयोग (उच्च सांद्रता के कारण बैक्टीरिया में जल का परासरण होता है और वे नष्ट हो जाते हैं)।