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UP Board class 12 Economics Chapter 1. परिचय Hindi Medium Notes - PDF

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अध्याय 1: परिचय (व्यष्टि अर्थशास्त्र)

यह अध्याय व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics) की बुनियादी अवधारणाओं से हमारा परिचय कराता है।

व्यष्टि अर्थशास्त्र क्या है?

  • परिभाषा: व्यष्टि अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था के छोटे, व्यक्तिगत इकाइयों (जैसे एक व्यक्ति, एक परिवार, एक फर्म, एक उद्योग) के अध्ययन से संबंधित है।
  • फोकस: यह व्यक्तिगत आर्थिक एजेंटों के व्यवहार और उनके बीच अंत:क्रिया (Interaction) पर केंद्रित होता है।
  • मुख्य विषय: इसके अंतर्गत उपभोक्ता का व्यवहार, उत्पादक का व्यवहार, मांग और पूर्ति, बाजार के प्रकार, कीमत निर्धारण आदि का अध्ययन किया जाता है।

केंद्रीय अर्थव्यवस्था की समस्याएं

हर अर्थव्यवस्था को निम्नलिखित मूलभूत समस्याओं का सामना करना पड़ता है:

  • क्या उत्पादन किया जाए? (What to produce?)
    • समस्या: सीमित संसाधनों के साथ किन वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में।
    • उदाहरण: एक समाज को तय करना होता है कि उसे गेहूं पैदा करना चाहिए या मशीनें बनानी चाहिए।
  • कैसे उत्पादन किया जाए? (How to produce?)
    • समस्या: उत्पादन किस तकनीक से किया जाए - श्रम प्रधान तकनीक से या पूंजी प्रधान तकनीक से।
    • उदाहरण: कपड़ा बुनने का काम हाथ से करें या मशीनों से।
  • उत्पादन किसके लिए किया जाए? (For whom to produce?)
    • समस्या: उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का वितरण समाज के विभिन्न वर्गों के बीच कैसे होगा।
    • उदाहरण: उत्पादन का लाभ समाज के अमीर लोगों को मिलेगा या गरीबों तक भी पहुंचेगा।

दुर्लभता (Scarcity) और चयन (Choice)

  • दुर्लभता: मानव की आवश्यकताएं असीमित हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए संसाधन सीमित हैं। संसाधनों की इस सीमितता को ही दुर्लभता कहते हैं।
  • चयन: दुर्लभता के कारण हमें विभिन्न विकल्पों में से चयन (Choice) करना पड़ता है। जब हम एक वस्तु चुनते हैं तो दूसरी वस्तु छोड़नी पड़ती है।
  • अवसर लागत (Opportunity Cost): किसी वस्तु को प्राप्त करने के लिए हमें दूसरी वस्तु के सबसे अच्छे विकल्प को छोड़ना पड़ता है। छोड़े गए इस सबसे अच्छे विकल्प के मूल्य को ही अवसर लागत कहते हैं।
    • उदाहरण: यदि एक छात्र पढ़ाई करने और मूवी देखने के बीच चयन करता है और पढ़ाई चुनता है, तो मूवी देखने का आनंद ही उसकी अवसर लागत है।

अर्थव्यवस्था के प्रकार

  • बाजार अर्थव्यवस्था (Market Economy): इसमें आर्थिक गतिविधियों (उत्पादन, उपभोग, विनिमय) का निर्धारण बाजार में मांग और पूर्ति की शक्तियों द्वारा स्वत: होता है। सरकार का हस्तक्षेप न्यूनतम होता है। उदाहरण: USA।
  • नियोजित अर्थव्यवस्था (Planned Economy): इसमें अर्थव्यवस्था के सभी महत्वपूर्ण निर्णय (क्या, कैसे, किसके लिए उत्पादन) एक केंद्रीय प्राधिकरण (जैसे सरकार) द्वारा लिए जाते हैं। उदाहरण: पूर्व में USSR, उत्तर कोरिया।
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy): यह बाजार अर्थव्यवस्था और नियोजित अर्थव्यवस्था का मिश्रण है। इसमें निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र साथ-साथ काम करते हैं। भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था का उदाहरण है।

सकारात्मक और प्रामाणिक अर्थशास्त्र

  • सकारात्मक अर्थशास्त्र (Positive Economics): यह "क्या है" (What is) का वर्णन करता है। यह तथ्यों और डेटा पर आधारित होता है और इसका संबंध वास्तविकता से होता है। यह मूल्य निर्णयों से मुक्त होता है।
    • उदाहरण: "मुद्रास्फीति दर 5% है।" यह एक सकारात्मक कथन है।
  • प्रामाणिक अर्थशास्त्र (Normative Economics): यह "क्या होना चाहिए" (What ought to be) पर बल देता है। इसमें मूल्य निर्णय शामिल होते हैं और यह बताता है कि चीजें कैसी होनी चाहिए।
    • उदाहरण: "सरकार को गरीबों की更多 मदद करनी चाहिए।" यह एक प्रामाणिक कथन है।

महत्वपूर्ण शब्दावली

  • अर्थव्यवस्था (Economy): एक ऐसी प्रणाली जिसमें लोगों की आजीविका चलती है और वस्तुओं与 सेवाओं का उत्पादन, उपभोग और विनिमय होता है।
  • उपभोक्ता (Consumer): वह व्यक्ति जो अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए वस्तुओं与 सेवाओं का उपयोग (उपभोग) करता है।
  • उत्पादक (Producer): वह व्यक्ति या फर्म जो वस्तुओं与 सेवाओं का उत्पादन करती है।
  • बाजार (Market): वह स्थान或 व्यवस्था जहाँ क्रेता (Buyers) और विक्रेता (Sellers) आपस में वस्तुओं与 सेवाओं का क्रय-विक्रय (विनिमय) करते हैं।

एनसीईआरटी कक्षा 12 समष्टि अर्थशास्त्र - अध्याय 1: परिचय

1. समष्टि अर्थशास्त्र क्या है? (What is Macroeconomics?)

  • समष्टि अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था का अध्ययन करती है।
  • यह समग्र (aggregate) रूप में आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण करता है।
  • इसका संबंध राष्ट्रीय आय, रोजगार, सामान्य कीमत स्तर, व्यापार चक्र, आर्थिक विकास आदि से है।
  • इसे 'आय एवं रोजगार का सिद्धांत' भी कहा जाता है।

2. समष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य विशेषताएँ (Key Features of Macroeconomics)

  • समग्र अध्ययन: पूरी अर्थव्यवस्था का समग्र रूप से अध्ययन।
  • राष्ट्रीय आय: देश की कुल आय और उसके निर्धारक तत्वों का अध्ययन।
  • सामान्य कीमत स्तर: मुद्रास्फीति और अवस्फीति जैसी घटनाओं का विश्लेषण।
  • रोजगार स्तर: अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी के स्तर और उसके कारणों का अध्ययन।
  • आर्थिक विकास: दीर्घकाल में देश के आर्थिक विकास और संबंधित नीतियों पर विचार।

3. समष्टि अर्थशास्त्र के महत्वपूर्ण क्षेत्र (Important Areas of Macroeconomics)

  • राष्ट्रीय आय का सिद्धांत
  • रोजगार का सिद्धांत
  • मुद्रा का सिद्धांत
  • व्यापार चक्र का सिद्धांत
  • आर्थिक विकास एवं विकास का सिद्धांत
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का सिद्धांत

4. समष्टि अर्थशास्त्र की आवश्यकता एवं महत्व (Need and Importance of Macroeconomics)

  • आर्थिक नीतियाँ बनाने में सहायक: सरकार को कर, व्यय, मुद्रा आदि संबंधी नीतियाँ बनाने में मदद करता है।
  • आर्थिक समस्याओं को समझने में: बेरोजगारी, गरीबी, मुद्रास्फीति जैसी समस्याओं के कारण और निवारण समझने में सहायक।
  • अर्थव्यवस्था के कामकाज को समझने में: अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों (उपभोग, बचत, निवेश) के बीच संबंधों को समझाता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय तुलना: विभिन्न देशों की आर्थिक प्रगति की तुलना करने में मदद करता है।

5. समष्टि अर्थशास्त्र में प्रयुक्त कुछ महत्वपूर्ण संकल्पनाएँ (Key Concepts in Macroeconomics)

  • व्यापक अर्थव्यवस्था के एजेंट (Agents):
    • परिवार (Households)
    • उत्पादक फर्म (Producer Firms)
    • सरकार (Government)
    • विदेशी क्षेत्र (Foreign Sector)
  • व्यापक बाजार (Macroeconomic Markets):
    • वस्तु बाजार (Market for Goods and Services)
    • मुद्रा बाजार (Money Market / Financial Market)
    • श्रम बाजार (Labour Market)

6. समष्टि अर्थशास्त्र की सीमाएँ (Limitations of Macroeconomics)

  • वैयक्तिक इकाइयों की उपेक्षा: समग्र आँकड़े व्यक्तिगत इकाइयों (जैसे एक विशिष्ट उपभोक्ता या फर्म) के बारे में जानकारी नहीं देते।
  • समग्रता भ्रामक हो सकती है: कभी-कभी समग्र आँकड़े वास्तविकता का सही चित्रण नहीं करते।
  • आँकड़ों की समस्या: समष्टि आर्थिक विश्लेषण के लिए आवश्यक आँकड़े एकत्रित करना कठिन होता है।

7. समष्टि एवं व्यष्टि अर्थशास्त्र में अंतर (Difference between Micro and Macroeconomics)

  • व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics)
    • व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों का अध्ययन (जैसे- एक परिवार, एक फर्म)
    • व्यक्तिगत माँग, पूर्ति, कीमत निर्धारण
    • लक्ष्य: कुशल आवंटन का निर्धारण
    • उदाहरण: एक कंपनी द्वारा एक वस्तु की कीमत का निर्धारण
  • समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics)
    • सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था का समग्र रूप से अध्ययन
    • समग्र माँग, समग्र पूर्ति, सामान्य कीमत स्तर
    • लक्ष्य: संसाधनों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना
    • उदाहरण: देश में कुल बेरोजगारी दर

नोट: दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, विरोधी नहीं। सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था (समष्टि) व्यक्तिगत इकाइयों (व्यष्टि) से मिलकर बनी होती है।

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