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UP Board class 12 Geography Chapter 2. विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि Hindi Medium Notes - PDF

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अध्याय 2: विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

यह अध्याय दुनिया भर में लोगों के वितरण, उनके रहने की सघनता और समय के साथ उनकी संख्या में होने वाले परिवर्तनों (वृद्धि) का अध्ययन करता है।

1. जनसंख्या वितरण

जनसंख्या वितरण से तात्पर्य है कि लोग पृथ्वी की सतह पर कहाँ-कहाँ निवास करते हैं। विश्व की जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है।

  • असमान वितरण के कारक:
    • भौगोलिक कारक:
      • जलवायु: समशीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्र (जैसे- यूरोप) सघन आबादी वाले हैं, जबकि अति गर्म (सहारा) या अति ठंडे (टुंड्रा) क्षेत्र विरल।
      • भू-आकृति: समतल मैदान और नदी घाटियाँ (गंगा, नील) सघन आबादी वाली हैं, जबकि ऊबड़-खाबड़ पहाड़ और पठारी क्षेत्र कम आबादी वाले।
      • मृदा: उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्र कृषि के लिए अनुकूल हैं, इसलिए सघन आबादी वाले (उत्तरी भारत का मैदान)।
      • जल की उपलब्धता: नदियों और झीलों के किनारे के क्षेत्र सदैव से आबादी के केंद्र रहे हैं।
    • आर्थिक कारक:
      • खनिज संपदा: कोयला और लोहा जैसे खनिजों वाले क्षेत्र उद्योगों को आकर्षित करते हैं, जिससे जनसंख्या का केन्द्रीकरण होता है (झारखंड)।
      • औद्योगीकरण: उद्योग रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, इसलिए शहरी क्षेत्र सघन आबादी वाले होते हैं (मुंबई, टोक्यो)।
      • यातायात के साधन: अच्छे परिवहन तंत्र वाले क्षेत्र व्यापार और निवास के लिए आकर्षित करते हैं।
    • सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक: धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व वाले स्थान (जैसे- वाराणसी, जेरूसलम) भी लोगों को आकर्षित करते हैं।
    • राजनीतिक कारक: स्थिर सरकार और शांतिपूर्ण वातावरण वाले देश/क्षेत्र लोगों को आकर्षित करते हैं।

2. जनसंख्या घनत्व

जनसंख्या घनत्व किसी क्षेत्र की जनसंख्या और उसके क्षेत्रफल के अनुपात को कहते हैं। यह प्रति इकाई क्षेत्रफल (जैसे वर्ग किमी) में रहने वाले लोगों की औसत संख्या है।

  • सूत्र: जनसंख्या घनत्व = क्षेत्र की कुल जनसंख्या / क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल
  • उदाहरण: यदि किसी देश की जनसंख्या 10 लाख और क्षेत्रफल 100 वर्ग किमी है, तो घनत्व = 10,00,000 / 100 = 10,000 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी।
  • यह एक कच्चा मापदंड है क्योंकि यह क्षेत्र के भीतर जनसंख्या के वास्तविक वितरण को नहीं दर्शाता (उदाहरण: ऑस्ट्रेलिया में रेगिस्तान बहुत बड़ा है, लेकिन जनसंख्या तटीय भागों में केंद्रित है)।

3. जनसंख्या वृद्धि

किसी विशेष क्षेत्र में एक निश्चित समय अवधि में जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहते हैं।

  • जनसंख्या वृद्धि के घटक:
    • जन्म दर (Birth Rate): प्रति हज़ार व्यक्तियों पर एक वर्ष में होने वाले जीवित जन्मों की संख्या।
    • मृत्यु दर (Death Rate): प्रति हज़ार व्यक्तियों पर एक वर्ष में होने वाली मौतों की संख्या।
    • प्रवास (Migration): लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना।
      • आप्रवासन (Immigration): किसी स्थान पर प्रवेश करना (जनसंख्या बढ़ाता है)।
      • उप्रवासन (Emigration): किसी स्थान से बाहर जाना (जनसंख्या घटाता है)।
  • जनसंख्या वृद्धि का सूत्र:
    जनसंख्या वृद्धि = (जन्म दर - मृत्यु दर) + शुद्ध प्रवास
    जहाँ शुद्ध प्रवास = आप्रवासन - उप्रवासन
  • वृद्धि के प्रकार:
    • प्राकृतिक वृद्धि: जन्म और मृत्यु के अंतर से होने वाली वृद्धि।
    • वास्तविक वृद्धि: प्राकृतिक वृद्धि और शुद्ध प्रवास दोनों को मिलाकर।

4. जनसंख्या वृद्धि के प्रतिरूप (Patterns)

  • विकसित देश: उत्तरी अमेरिका, यूरोप, जापान आदि में जनसंख्या वृद्धि दर बहुत कम है या शून्य के आसपास है। कारण: निम्न जन्म दर और निम्न मृत्यु दर।
  • विकासशील देश: अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के अधिकांश देशों में वृद्धि दर ऊँची है। कारण: मृत्यु दर में तेजी से गिरावट (चिकित्सा सुविधाओं के कारण) लेकिन जन्म दर अभी भी ऊँची बनी हुई है।

5. जनांकिकीय संक्रमण का सिद्धांत (Demographic Transition Theory)

यह सिद्धांत समय के साथ जनसंख्या वृद्धि दर में होने वाले परिवर्तनों को तीन चरणों में दर्शाता है:

  • प्रथम चरण (उच्च स्थिरावस्था): जन्म दर और मृत्यु दर दोनों बहुत ऊँची होती हैं, इसलिए जनसंख्या वृद्धि बहुत धीमी या शून्य होती है। (पूर्व-औद्योगिक समाज)
  • द्वितीय चरण (तेज वृद्धि): मृत्यु दर तेजी से गिरने लगती है (बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता के कारण), लेकिन जन्म दर ऊँची बनी रहती है। इससे जनसंख्या में विस्फोट होता है। (विकासशील देश इसी चरण में हैं)
  • तृतीय चरण (धीमी वृद्धि): जन्म दर भी गिरने लगती है (शहरीकरण, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण के कारण) और मृत्यु दर निम्न स्तर पर पहुँच जाती है। जनसंख्या वृद्धि फिर से धीमी हो जाती है। (विकसित देश इस चरण में हैं)

6. जनसंख्या नीति की आवश्यकता

तेजी से बढ़ती जनसंख्या संसाधनों पर दबाव डालती है, जिससे पर्यावरण degradation, गरीबी, बेरोजगारी आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। इसलिए, सरकारों द्वारा जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने और जनसंख्या के कल्याण के लिए एक सक्रिय जनसंख्या नीति बनाना आवश्यक है।

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Other Chapters of class 12 Geography
1. जनसंख्या - वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन
2. प्रवास - प्रकार, कारण और परिणाम
3. मानव विकास
4. मानव बस्तियाँ
5. भू-संसाधन तथा कृषि
6. जल-संसाधन
7. खनिज तथा ऊर्जा संसाधन
8. निर्माण उद्योग
9. भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास
10. परिवहन तथा संचार
11. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
12. भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ
1. मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र
2. विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि
3. जनसंख्या संघटन
4. मानव विकास
5. प्राथमिक क्रियाएँ
6. द्वितीयक क्रियाऐ
7. तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप
8. परिवहन एवं संचार
9. अंतराष्टीय व्यापार
10. मानव बस्ती
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