UP Board class 11 Geography Chapter 8. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना Hindi Medium Notes - PDF
अध्याय 8: वायुमंडल का संघटन तथा संरचना
यह अध्याय पृथ्वी के चारों ओर फैले वायु के आवरण, यानी वायुमंडल, की संरचना और उसमें पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों के बारे में बताता है।
वायुमंडल का संघटन (Composition of the Atmosphere)
वायुमंडल गैसों, जलवाष्प और धूलकणों का मिश्रण है।
- गैसें (Gases):
- नाइट्रोजन (N₂): लगभग 78.08%। यह पौधों और जानवरों के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
- ऑक्सीजन (O₂): लगभग 20.95%। यह सभी सजीवों के श्वसन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- आर्गन (Ar): लगभग 0.93%।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂): लगभग 0.036%। यह एक महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस है जो पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करती है और पादपों के लिए भोजन बनाने (प्रकाश संश्लेषण) के लिए जरूरी है।
- अन्य गैसें जैसे नियॉन, हीलियम, मीथेन, हाइड्रोजन, ओजोन आदि अत्यंत सूक्ष्म मात्रा में पाई जाती हैं।
- जलवाष्प (Water Vapour):
- वायुमंडल में इसकी मात्रा परिवर्तनशील (0 से 4%) होती है।
- यह मौसमी घटनाओं like बादलों, वर्षा, कोहरा आदि के लिए उत्तरदायी है।
- यह सौर्यिक और भू-तापीय विकिरणों को अवशोषित करके वायुमंडल के तापमान को नियंत्रित करती है।
- धूलकण (Dust Particles):
- ये महीन ठोस कण वायु में तैरते रहते हैं।
- ये संघनन के लिए संघनन नाभिक (Condensation Nuclei) का कार्य करते हैं, जिसके बिना बादल और वर्षा का निर्माण संभव नहीं है।
- ये सूर्य के प्रकाश को प्रकीर्णित और परावर्तित करके सुन्दर सूर्योदय और सूर्यास्त का कारण बनते हैं।
वायुमंडल की संरचना (Structure of the Atmosphere)
वायुमंडल को तापमान में परिवर्तन के आधार पर पाँच विभिन्न परतों में बाँटा गया है:
- क्षोभमंडल (Troposphere):
- यह वायुमंडल की सबसे निचली परत है जिसमें हम रहते हैं।
- इसकी औसत ऊँचाई लगभग 13 किमी. है (विषुवत् रेखा पर 18 किमी. और ध्रुवों पर 8 किमी.)।
- इसमें लगभग सारी जलवाष्प और धूलकण पाए जाते हैं।
- इस परत में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान घटता है (6.5°C प्रति किमी.)। इसे सामान्य ताप ह्रास दर (Normal Lapse Rate) कहते हैं।
- सभी मौसमी घटनाएँ (बादल, वर्षा, आँधी आदि) इसी परत में घटित होती हैं।
- क्षोभमंडल और समतापमंडल के बीच की सीमा को क्षोभसीमा (Tropopause) कहते हैं।
- समतापमंडल (Stratosphere):
- यह क्षोभसीमा के ऊपर 50 किमी. की ऊँचाई तक फैला होता है।
- इस परत में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान स्थिर रहता है और फिर बढ़ने लगता है।
- तापमान में वृद्धि का मुख्य कारण है ओजोन परत (Ozone Layer) जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों को अवशोषित कर लेती है।
- इस परत में बादल और मौसमी घटनाएँ नहीं पाई जाती, इसलिए हवाई जहाज इसी परत में उड़ान भरते हैं।
- समतापमंडल की ऊपरी सीमा को समतापसीमा (Stratopause) कहते हैं।
- मध्यमंडल (Mesosphere):
- यह समतापसीमा के ऊपर 80 किमी. की ऊँचाई तक फैला होता है।
- इस परत में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान फिर से घटने लगता है।
- यह वायुमंडल की सबसे ठंडी परत है।
- अधिकांश उल्कापिंड (meteors) इसी परत में आकर जलने लगते हैं।
- इसकी ऊपरी सीमा को मेसोपॉज (Mesopause) कहते हैं।
- आयनमंडल (Ionosphere / Thermosphere):
- यह मेसोपॉज के ऊपर 80 से 400 किमी. के बीच फैला होता है।
- इसमें ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान तेजी से बढ़ता है।
- सूर्य से आने वाली एक्स-रे और पराबैंगनी किरणें इस परत में उपस्थित गैसों को आयनित (Ionize) कर देती हैं, जिससे यह रेडियो तरंगों को Reflect करके उन्हें पृथ्वी पर वापस भेजने का काम करती है। इससे लंबी दूरी का रेडियो संचार संभव हो पाता है।
- इसी परत में उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश (Aurora Borealis) और दक्षिणी ध्रुवीय प्रकाश (Aurora Australis) की घटना होती है।
- बाह्यमंडल (Exosphere):
- यह वायुमंडल की सबसे ऊपरी और सबसे पतली परत है।
- इसकी कोई निश्चित ऊपरी सीमा नहीं है; यह धीरे-धीरे बाहरी अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है।
- इस परत में हाइड्रोजन और हीलियम जैसी हल्की गैसों की प्रधानता होती है।
- यहाँ वायु का घनत्व अत्यंत कम होता है और कण एक-दूसरे से बहुत दूर होते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- वायुमंडल पृथ्वी को हानिकारक सौर विकिरण से बचाता है।
- यह पृथ्वी के तापमान को रात और दिन के बीच संतुलित रखता है (ग्रीनहाउस प्रभाव)।
- जीवन के लिए आवश्यक गैसें (ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड) उपलब्ध कराता है।
- मौसम और जलवायु को नियंत्रित करता है।